श्री दिगंबर जैन महिला आश्रम सागर अखिल भारतीय महिला शिक्षा एवं संस्कृति संरक्षक दिगंबर जैन समाज की प्रसिद्ध संस्थाओं में एक है । बुंदेलखंड की महिलाओं को संरक्षण एवं शिक्षित करने के उद्देश्य से इस संस्था का शुभारंभ माघ शुक्ल दसवीं वीर निर्माण संवत 2467 को हुआ । इसके मूल संस्थापक स्वर्गीय सिंघई रेवाराम जी हैं। सन 1952 में पूज्य गणेश प्रसाद की वर्णी से प्रेरणा पाकर स्वर्गीय श्री सिंघई कुंदनलाल जी की धर्मपत्नी श्रीमती दुर्गाबाई ने अपनी ओर से एक विशाल भवन लेकर संस्था को दिया। इस प्रकार यह आश्रम अपने निजी भवन में व्यवस्थित हो गया। संस्था के उन्नयन में पूज्य संत गणेश प्रसाद जी वर्णी का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
वर्तमान में यहां प्रारंभ से लेकर कक्षा 12वीं तक की लौकिक शिक्षा दी जाती है। संस्था के उदयकाल में धार्मिक विषयों का अध्यापन प्रातः काल में डॉक्टर पंडित पन्नालाल जी साहित्याचार्य के द्वारा होता रहा है।
इसी संस्था में अध्ययन कर आर्यिका रत्न श्री विशुद्धमति माताजी, विनयमति माताजी, कनकमति माताजी, श्रद्धावती जी एवं उपशांत मतीजी आदि जो की संयम के मार्ग पर अग्रसर हुई है। पूर्व छात्रा समाज गौरव श्रीमती विमला जैन मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायाधीश पद पर कार्यरत रही हैं। कुछ पूर्व छात्राओं का प्रशासनिक सेवाओं में भी चयन हुआ है।
संस्था में सुयोग्य विदुषी महिलाओं के द्वारा धार्मिक व लौकिक शिक्षा की पूर्ण व्यवस्था है। छात्राओं को रहने के लिए सुविधाजनक छात्रावास है। परिसर में ही श्री 1008 पार्श्वनाथ जिनालय है। वर्तमान में यहां लगभग 400 छात्राओं अध्ययन कर रही हैं छात्रावास में ग्रामीण अंचलों की लगभग 100 छात्राएं हैं ।
वर्तमान में श्री डॉक्टर भागचंद जी भास्कर एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती पुष्पलता जैन के द्वारा प्रदत्त अर्थ सहयोग से आधुनिक छात्रावास एवं शिक्षण कक्ष निर्मित किया गया है। ज्ञातव्य है कि श्रीमती पुष्पलता जैन ने इस विद्यालय में शिक्षण कार्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
सन 1990 में सुप्रसिद्ध साहित्य मनीषी राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त सागर नगर के गौरव डॉक्टर पंडित पन्नालाल जैन साहित्याचार्य एवं बीना सागर निवासी पंडित बंशीधर जी जैन व्याकरणाचार्य जी का अखिल भारतवर्षीय वृहद अभिनंदन समारोह, आयोजन समिति द्वारा इसी संस्था के परिसर में आयोजित हुआ था। जिसमें संपूर्ण देश का विद्युत वर्ग उपस्थित हुआ था। ज्ञातव्य है कि डॉक्टर पंडित पन्नालाल जी का दीर्घ कालीन शैक्षणिक योगदान इस संस्थान को प्राप्त हुआ है।
वर्ष 2017 में संस्था को गोमतेश्वर भगवान श्री बाहुबली स्वामी के क्षेत्र श्री श्रवणबेलगोला कर्नाटक में आदर्श जैन महिला संस्था का राष्ट्रीय गौरव सम्मान प्राप्त हुआ है। जिसे स्वस्ति श्री चारुकीर्ति जी महाराज श्रवणबेलगोला के कर कमलों द्वारा प्रदत्त किया गया।
विगत लगातार 10 वर्षों से कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत प्राप्त हो रहे हैं। शिक्षा एवं संस्कारों के प्रति सहयोग शिक्षिकाओं का समर्पण भाव है।
संस्था का संचालन ट्रस्ट एवं प्रबंधन कार्यकारी कमेटी द्वारा किया जाता है। छात्राओं की उत्तरोत्तर प्रगति के लिए हम निरंतर संकल्पित हैं। हमारे इस कार्य में आप तन मन धन से भरपूर सहयोग देकर देश, धर्म एवं समाज के हित में सहभागी बने।
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